बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध : भले ही हमारा देश विकास की और बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है परन्तु हमारे देश में लिंगभेद की असामनता आज भी है। बस कहने को पुरुषों और महिलाओं को समानता प्राप्त है। हमेशा से ही हमारे देश में महिलाओं की स्थिति ख़राब रही है।
आजकल महिलाएं भी पुरुषो से काम नहीं है। महिलाओं को कम आंका भी नहीं जाना चाहिए। हर एक छेत्र में महिलाएं भी देश का नाम रौशन करती है। पढाई से लेके खेल में महिलाये सभी चीज़ों में भाग लेती है। महिलाएं और भी अच्छा कर सकती है बस उन्हें प्रोत्साहित करने की जरुरत है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यह एक स्लोगन है जो भारत सरकार ने चलायी है। यह योजना महिलाओं के साथ हो रहे लिंगभेद असामनता की और धयान खींचने के लिए चलाई गयी है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना के कारन लोगों का नजरिया धीरे धीरे बदल ही रहा है। लोग आपने परिवार की महिलाओं को भी उचित अवसर प्रदान कर रहे है ताकि वे भी नाम कमा सके आपने जीवन में कुछ हासिल कर सके।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अर्थ है महिलाओं को पूर्ण रूप से सिक्छित कर उन्हें बचाना। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को भी सभी मौके प्रदान करना जिनसे वे भी आपने भविस्य तय कर सके। यह योजना सभी लोगो में महिलाओं से जुडी गलत अवधारणाओं को भी बदलने में मदद कर रही है। यह योजना महिलयों की स्थिति को सुधारने में अपना बहुत बड़ा योगदान दे रही है।
महिलाओं की घटती हुई जान संख्या
2001 के सर्वे में देखा गया था की भारत में 0 से 6 साल के बच्चो के बिच लिंग अनुपात 1000 लड़कों पर 930 लड़कियों का था। 2011 मै भी देखा गया की महिलाओं की लिंग अनुपात की संख्या घटती जा रही है। यह संख्या घाट कर हर 1000 लड़को पर 915 लड़कियां तक पहूँच गयी थी। इसी कारन से भारत में सभी लोगों को महिलाओं की सुरछा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
उपसंहार
यह एक बेहद ही प्रभावशाली और उपयोगी योजना है जिसके अंतर्गत महिलयों को हर एक चैत्र में सुरछा के साथ संरछण प्राप्त किया जा रहा है।हर एक छेत्रों में महिलएं भी नाम रौशन कर रही है चाहे वो विज्ञानं हो या खेल में।समाज में जागरूकता होने के कारन महिलाये भी आत्मनिर्भर बन पा रही हैं।हम सभी नागरिकों को जागरूक होकर महिलाओं को भी पढ़ना चाहिए।महिलाओं को भी उचित अवसर प्राप्त कराने चाहिए जिनसे वे भी आगे बढ़ सके एवं पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़े रहे।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 10 पंक्ति निबंध। Beti Bachao Essay in Hindi 10 Lines
- हमारा देश हमेशा से ही एक पुरुष प्रधान देश रहा है।
- पुरुष प्रधान समाज होने के कारन महिलाओं को उचित अवसर नहीं प्राप्त होते।
- महिलाओं को हमेशा पुरुषों से काम ही आँका जाता है।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से तातपर्य है की बेटियों को भी पढ़ने लिखने आपने भविस्य बनाने का मौका मिलना चाहिए।
- इस योजना का आरम्भ प्रधानमंत्री ने 2015 में किया था।
- बेटियों को कभी बेटों से कम नहीं समझना चाहिए।
- हर एक छेत्रों में महिलएं भी नाम रौशन कर रही है चाहे वो विज्ञानं हो या खेल में।
- समाज में जागरूकता होने के कारन महिलाये भी आत्मनिर्भर बन पा रही हैं।
- हम सभी नागरिकों को जागरूक होकर महिलाओं को भी पढ़ना चाहिए।
- महिलाओं को भी उचित अवसर प्राप्त कराने चाहिए जिनसे वे भी आगे बढ़ सके एवं पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़े रहे।
बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत कब हुई?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत 22 जनवरी 2015 को हरियाणा में हुई थी।
बेटी बचाओ अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या था?
महिलाओं की गिरती जनसँख्या और उनके साथ होने वाले लिंगभेद को धायण में रखते हुए बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत की गयी थी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत कहाँ से हुई?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत पानीपत, हरियाणा से हुई
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