इस पोस्ट में हम जल संकट पर निबंध। Essay On Water Crisis को पढ़ने वाले है। इस पोस्ट में आपको जल संकट और उससे जुडी समस्याओं और समाधान के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
जल संकट पर निबंध
कोई भी प्राणी जो जीवित है इस धरती पर जीवन जीने के लिए उसे जल की जरुरत है। जल के बिना हम इस धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। जल के बिना न मनुस्य न अन्य जिव जंतु या पेड़ पौधे वनस्पतियां जिन्दा रह सकती हैं इसीलिए जल को जीवन के रूप में देखा जाता है। सीधे तौर पर हम यह कह सकते हैं की जल ही जीवन है।
आजकल के समय में मनुष्य जाती की जनसख्या जैसे जैसे बढ़ती जा रही है पर्यावरण में प्रदुषण भी फैलता जा रहा है। पर्यावरण में बहुत प्रकार के प्रदुषण हैं उनमे से एक जल प्रदुषण है। मनुस्य कूड़ा कचरा नदियों नहरों में फेक देते है, फैक्ट्रियों से निकला केमिकल को नदियों में बहा दिया जाता है जिससे पानी का PH स्तर ऊपर निचे होता है और पानी पिने लायक भी नहीं रह पता।
हमारे पृथ्वी गृह पर 71% हिस्से में जल है और बाकि 29% हिस्से में जमीन है। पुरे पृथ्वी का 96% पानी सागर में पाया जाता है जो की पिने लायक नहीं होता है। पृथ्वी में उपथित 1.6% पानी ही पिने योग्य होता है और बाकि बचा पानी वास्प के रूप में बादलों में उपस्थित होता है।
जल संकट पर 10 पंक्ति निबंध। 10 Lines Essay On Water Crisis In Hindi
- पृथ्वी के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
- जल से ही पृथ्वी के रहने वाले जिव जंतु एवं वनस्पतियां जीवित है।
- जल को हमेशा जीवन के रूप में देखा जाता है।
- पृथ्वी का 71% हिस्से में जल है और बाकि हिस्से में जमीन।
- धरती पर जीवन के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए जल का संरछण और बचाव बहुत ही जरुरी है।
- पुरे ब्रह्माण्ड में पृथ्वी ही एक ऐसा गृह है जहा पर जल उपलबध है जो निरंतर पृथ्वी पर जीवन को बचाये रखता है।
- पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए जल का संरछण करना बहुत ही जरुरी है।
- पृथ्वी पर उपस्थित जल का केवल कुछ ही प्रतिशत पिने योग्य है।
- जल को एक बहुत ही बहुमूल्य उपहार के रूप में देखना चाहिए।
जल संकट क्या है ?
जिस जल का हम सभी इस्तेमाल करते है उस जल की उपलब्धता में कमी को ही जल संकट के रूप में जाना जाता है। पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत हिस्से पर जल उपलब्ध है लेकिन उस जल का केवल 1.6 प्रतिशत ही पिने योग्य है।