रुपरेखा : समाचार पत्र क्या है ? समाचार पत्र का अविष्कार। – समाचार पत्र का इतिहास। – समाचार पत्र की आवश्यकता ? समाचार पत्र की विशेषताएं – उपसंहार।
समाचार पत्र का प्रस्तावना (Introduction of Newspaper)
वर्त्तमान समय में दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी घटना घटित होती है तो हमे उसकी जानकारी आपने स्मार्टफोन या टेलीविसिओं के जरिये पता चल जाती है। हम सभी दुनिआ के किसी भी कोने में हो लेकिन साडी चीज़ो की सुचना हुमतक पहूँच जाती है। पुराने समय में जब रेडियो टेलीविज़न स्मार्टफोन आदि संचार के माध्यमों का अविष्कार नहीं हुआ था तब मनुष्य समाचार पत्रों पर ही सभी जानकारियों समाचारो आदि के लिए आश्रित थे।उस समय समाचार पत्र मनोरजन का भी एक मुख्या साधन था। समाचार पत्रों में समाचार के साथ साथ पहेलियाँ , चुटकुले , कहानियां इत्यादि भी होते है जिसे पढ़कर सभी लोग अपना मनोरंजन करते थे।
समाचार पत्र क्या है ? ( What is Newspaper ? )
समाचार पत्र सुचना संचार का एक माध्यम है। समाचार पत्र का आविष्कार बहुत पहले ही हुआ था। समाचार पत्रों से हमे समाचार सुचना कला संस्कृति और विभिन्न जगहों की जानकारी मिलती है। समाचार पत्र मनोरंजन का भी एक साधन है पहेलियाँ , चुटकुले , कहानियां इत्यादि भी होते है जिसे पढ़कर सभी लोग अपना मनोरंजन करते हैं। समाचार पत्रों में वर्तमान समय में होने वाले सभी चीज़ो का उल्लेख किया जाता है ताकि जनता अवगत रहे।
समाचार पत्र का इतिहास। ( History Of Newspaper )
समाचार पत्र बहुत पुराने ज़माने से प्रचलित है। समाचार पत्र सबसे प्राचीन सुचना संचार का एक माध्यम है। भले ही भारत में समाचार पत्र का प्रचलन अंग्रेजो के आने के बाद से हुआ है लेकिन विश्व भर में समाचार पत्र उससे पहले से प्रचलित था। भारत में सर्वप्रथम समाचार पत्र का प्रकाशन सन 1970 में कोलकत्ता में हुआ था जिसे दी बंगाल गैजेट के नाम से जेम्स हिक्की ने सम्पादित किया था। उसी समय के बाद से भारत में संचार पात्रो का सञ्चालन शुरू हुआ । वर्तमान समय में इससे बहुत से प्रकाशन समाचार पत्रों का सञ्चालन करते है।
समाचार पत्र की विशेषताएं। ( Qualities of Newspaper )
समाचार पत्रों को हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्वा है। समाचार पत्रों के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। समाचार पत्रों का प्रचलन बहुत पहले से ही चला आरहा है। समाचार पत्रों के बिना हम किसी भी सुचना का पता नहीं लगा पाएंगे देश – विदेश या अंतरास्ट्रीय स्टार पर घटने वाली चीज़ो की जानकारी भी नहीं होगी। दुनिआ के हम किसी भी कोने में रहे समाचार पत्रों से साड़ी जानकारी हम प्राप्त कर सकते है। समाचार पत्र साथ ही साथ मनोरंजन का भी एक साधन है पहेलियाँ , चुटकुले , कहानियां इत्यादि भी होते है जिसे पढ़कर सभी लोग अपना मनोरंजन करते हैं। यदि समाचार पत्र न हो तो हम सुचना संचार का एक बहुत बड़ा माध्यम खो देंगे और देश विदेश में घटित होने वाली किसी भी घटना की जानकारी हमे नहीं होगी।
निष्कर्ष ( Conclusion )
हम सभी लोग आजकल आपने कामो में व्यस्त रहते है इस प्रकार देश दुनिआ में घटित होने वाली किसी भी घटना की जानकारी हमे नहीं होती है। समाचार पत्र एक है बहुत ही अच्छा विकल्प है जिसके माध्यम से हम सभी सूचनाओं और संचारो की जानकारी को पढ़कर प्राप्त कर सकते है। जो व्यक्ति प्रतिदिन समाचार पत्र पड़ता है वह कभी भी उस ज्ञान का इस्तेमाल कर सकता है क्युकी वर्तमान में घटने वली सभी चीज़ो की जानकारी उस व्यक्ति को होगी। समाचार पत्र विद्यार्थियों , व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्यमियों आदि लोगो के लिए बहुत ही उपयोगी है क्यों इससे आप सभी को कुछ न कुछ सिखने मिलेगा।
FAQ
भारत में समाचार पत्र की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर – भारत में समाचार पत्र की शुरुआत 1970 में हुई।
भारत का पहला समाचार पत्र कोनसा है ?
उत्तर – भारत का पहला समाचार पत्र ‘ दी बंगाल गैजेट ‘ है।
समाचार पत्र का आविष्कार किसने किया था ?
उत्तर – समाचार पत्र का आविष्कार जोहान कार्लोस ने सन 1609 किया था।
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